ड़ और ढ़ दोनों ही समान ध्वनि देते हैं, बस जरा सा अंतर होता है। यही कारण है कि अक्सर इनमें भ्रम हो जाता है। हम प्रयास करेंगे कि इस पोस्ट में इन समस्याओं का समाधान किया जा सके।
पड़ना और पढ़ना - यह दोनों ही क्रियाएं हैं, परंतु पड़ना क्रिया सामान्यतः गिरने, मिलने जैसे संबंधों को दर्शाती है जबकि पढ़ना, पढ़ने-लिखने, साक्षरता संबंधी वाक्यों में प्रयोग होती है।
- सिर मुड़ाते ही ओले पड़े।
- दिल्ली जाते समय रास्ते में आगरा पड़ता है।
- आपको किसी और के मामले में नहीं पड़ना चाहिए।
- उसे पढ़ना-लिखना नहीं आता।
- वह निरा अनपढ़ है।
न और व - "न" का प्रयोग नकारने या नकारात्मक ध्वनि दर्शाने के लिए होता है। यह सदैव "न" के रूप में ही रहता है, इसको "ना" के रूप में लिखना अशुद्ध होता है। जबकि "व" का प्रयोग और, तथा, एवं की तरह दो पदों को विभक्त करने के लिए होता है। इनको आप उदाहरण से समझ सकते हैं।
- कुछ लोग न तो स्वयं अच्छा करते हैं और न ही किसी और को कुछ अच्छा करने देते हैं।
- यहां न पानी है और न ही रहने का स्थान।
- उसने कहा है कि वह न तो खाएगा और न ही खाने देगा।
- कपड़ा, आवास और रोटी व पानी सबको मिलना चाहिए।
- खाद, पानी व सिंचाई के साधनों का इंतजाम होना चाहिए।
कि और की - "कि" का प्रयोग परिस्थिति या शर्त जैसी कंडीशन में होता है, जबकि "की" का प्रयोग किया, संबंध या निर्भरता दर्शाने के लिए होता है। उदाहरण से आप इनको आसानी से समझ सकेंगे।
- यह कहा जाता है कि सत्य कभी छिपता नहीं।
- मैं कितनी देर से बोल रहा हूं, आप मेरी बात सुन रहे हैं कि नहीं?
- हमें इस बावत तसल्ली करनी चाहिए कि वह हमारा काम करे।
- कोई कुछ भी कहे, पर हमें देश की रक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- उसने एसी ओछी हरकत की, कि कोई भी उससे बात नहीं करना चाहता।
- आप की कहानी इतनी अच्छी है लेकिन फिर भी आप विश्वास नहीं कर रहे।
यह तीन त्रुटियां सामान्यतः हो जाती हैं, परंतु अगर आप किन्हीं और शब्दों से भ्रमित होते हैं, तो कमेंट्स के माध्यम से अवगत अवश्य कराएं ताकि उनका समाधान यहां पर अपडेट किया जा सके।
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