Stenography Question and Answer




जब तक जॉब नहीं मिलती, तब तक हमारे मन में तमाम तरह के सवाल उठते रहते हैं। यहां पर ऐसे ही कुछ प्रश्नों और उनके उत्तरों को संकलित किया गया है। आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

प्रश्न 1 - कौन सी प्रणाली सबसे अच्छी है?

आशुलिपि की जितनी भी प्रणाली हैं, सभी अपनी-अपनी जगह अच्छी हैं। यदि आपके पास सभी प्रणाली के प्रशिक्षक मौजूद हैं तो आप सबसे नई प्रणाली का प्रशिक्षण ले सकते हैं क्योंकि नई प्रणाली में कुछ सरल और बेहतर तरीके से आपको आशुलिपि सिखाई जा सकती है। लेकिन अगर किसी एक प्रणाली का ही प्रशिक्षक आपके पास हो तो आप उस प्रणाली के माध्यम से भी प्रशिक्षण ले सकते हैं।

प्रश्न 2 - कितना समय लगता है?

आशुलिपि सीखने में सामान्यतः तीन से छह माह का समय लगता है। इस अवधि में आप आशुलिपि सीखने से लेकर सामान्य गति (70 शब्द प्रति मिनट) प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप नई प्रणाली से सीख रहे हैं या अतिरिक्त मेहनत करते हैं तो इस अवधि को कम किया जा सकता है और परिणाम बेहतर मिल सकता है।

प्रश्न 3 - कोई सॉफ्टवेयर होता है?

आशुलिपि एक लेखन प्रणाली है, जिसे आपको स्वयं ही लिखना होता है। इसके लिए कोई सॉफ्टवेयर नहीं होता, परंतु लिप्यंतरण के लिए आप सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सकते हैं जो आपके अध्ययन को नई दिशा प्रदान कर सकता है।

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प्रश्न 4 -  लिप्यंतरण क्या होता है?

जब आप आशुलिपि यानी स्टेनोग्राफी सीखते हैं तो आपको एक लेखन प्रणाली सिखाई जाती है जो किसी भी पैराग्राफ को उच्च गति से संकेतों के रूप में लिखना सिखाती है। कौशल परीक्षण के समय आपको ऐसे ही एक पैराग्राफ (जो कि प्रायः 400 से 1600 शब्द तक का हो सकता है) नियत गति (जैसे 100 शब्द प्रति मिनट या 80 शब्द प्रति मिनट पर) बोला जाता है, उसको आपको आशुलिपि में लिखना होता है। और फिर नियत समयावधि में उसे वापिस मूल रूप में टाइप करना होता है। यही लिप्यंतरण कहा जाता है। 

हिन्दी पैरा को स्टेनो संकेतों में लिखना और स्टेनो संकेतों को पढ़कर वापिस उसे हिन्दी में टाइप करना ही आशुलिपि दक्षता परीक्षा कही जाती है और टाइपिंग की प्रक्रिया को लिप्यंतरण कहते हैं। लिप्यंतरण के लिए पैराग्राफ के अनुसार ही समय दिया जाता है, जैसे 400 शब्दों के लिप्यंतरण के लिए सामान्यतः 35-40 मिनट दिए जाते हैं।

प्रश्न 5 - परिणाम और अंक कैसे मिलते हैं?

लिप्यंतरण यानी स्टेनो संकेतों से वापिस हिन्दी करते समय गलतियां होना स्वाभाविक हैं क्योंकि 400 या अधिक शब्दों को 100 या 80 शब्द प्रति मिनट की गति से स्टेनो में लिखना और पुनः अपने स्टेनों संकेतों को पढ़कर उनको हिन्दी में टाइप करना कोई सरल कार्य नहीं है। आपके द्वारा टाइप किए गए और मूल पैराग्राफ का मिलान करने के बाद लिप्यंतरण में हुई गलतियों के आधार पर ही फेल या पास का आकलन किया जाता है।

लिप्यंतरण के लिए 5 प्रतिशत गलतियां सदैव माफ होती हैं। यह प्रतिशत बढ़ सकता है परंतु 5 प्रतिशत से कम कभी नहीं होता। यानी अगर आप 400 शब्द का पैराग्राफ स्टेनो में लिखे हैं तो लिप्यंतरण के दौरान 0 से 20 गलती करने पर (400*5/100= 20 गलती) करने पर आप उत्तीर्ण होंगे, लेकिन यदि 21 या इससे अधिक गलती करते हैं तो आप अनुत्तीर्ण माने जाते हैं।

आजकल परीक्षा में 7 प्रतिशत या 10 प्रतिशत गलतियां माफ भी की जा रही हैं।

तो यह थी आशुलिपि से जुड़ी सामान्य जानकारी, जो अवश्य ही आपको पसंद आई होगी। अगर आपका कोई प्रश्न है तो आप कमेंट्स के माध्यम से हमें बता सकते हैं। मिलते हैं एक नई पोस्ट में।

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