यद्यपि हिन्दी व्याकरण में बहुत से नियम हैं परंतु यहां पर दिए कुछ खास नियम पढ़कर आप अपनी त्रुटियों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
हिन्दी आशुलिपि के लिए सबसे अहम बात होती है हिन्दी वर्तनी पर विशेष ध्यान देना ताकि लिप्यंतरण के दौरान त्रुटियॉं न हों। आपकी हिन्दी वर्तनी बेहतर हो इसीलिए हम यहॉं पर कुछ ऐसे नियम बता रहे हैं जिनका बहुतायत में प्रयोग होता है और शायद आपको इनकी जानकारी न हो।
'कि' और 'की' का नियम
'कि' किसी भी वाक्य में संयोजक के तौर पर कार्य करता है। इसे याद रखने के लिए आप इस प्रकार से समझ सकते हैं कि छोटे इंसान को अस्तित्व बनाने के लिए बड़े की मदद जरूरी होती है, उसी प्रकार से 'कि' हमेशा वाक्य में किसी के साथ जुड़कर अपना अस्तित्व बनाए रखता है।
उदाहरण के तौर पर — राम कहता है कि श्याम उसका भाई है। राधा कहती है कि उसको गाना नहीं आता।
जबकि 'की' जिम्मेदारी, संबंध और स्वामित्व को दर्शाता है। इसे याद रखने के लिए आप यूॅं समझ लीजिए कि बड़े आदमी के पास ज्यादा जिम्मेदारी, मालिकाना हक और अच्छे लोगों से संबंध होते हैं, उसी प्रकार से 'की' मालिकाना हक, संबंध और स्वामित्व को दशाएगा।
उदाहरण के तौर पर — श्याम की किताब में एक भी फोटो नहीं है। पैसे पर गॉंधी जी की तस्वीर छपी है। श्याम अपने पिता को एक निजी चिकित्सक की क्लीनिक पर ले गया।
ध्यान रहे 'करना' एक क्रिया है जो भूतकाल के रूप में 'की' के तौर पर प्रयोग होती है। जैसे — राम ने 08वीं तक पढ़ाई की है। गंधर्व ने रानी की बेइज्जती की है।
कारक और प्रत्यय का प्रयोग
क्रियाओं में 'कर' प्रत्यय जोड़कर लिखा जाता है। जैसे — खाकर, देखकर, उठकर, पीकर, सुनकर, जाकर, आकर, पूछकर, ठिठककर, घबराकर, चिल्लाकर इत्यादि।
वाला यदि प्रत्यय है तो वह जोड़कर लिखा जाए लेकिन यदि वह निर्देशक है तो पृथक से लिखा जाए, जैसे— गॉंववाला, दूधवाला, अखबारवाला, चायवाला, अच्छा वाला कागज, कल वाला पेपर, नीला वाला पेन, काली ड्रेस वाली
संज्ञा के साथ कारक आने पर पृथक से लिखे जाएं जैसे— राम ने, रावण को, श्याम का, सीता की।
कर्ता के बाद दो कारक एक साथ आने पर पहला कारक कर्ता के साथ जोड़कर लिखा जाए एवं दूसरा पृथक रखा जाए, जैसे — अपने लिए, उसको भी, आपके लिए, इसमें से।
समान्नार्थक शब्द हमेशा नाम से पृथक लिखे जाएं, लेकिन यदि कोई वर्ण नाम का हिस्सा है तो उसे साथ ही लिखा जाए, जैसे — श्री सतीश चंद्र, महात्मा जी, श्रीराम शर्मा,
प्रति, यथा और मात्र, यदि उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में होते हैं तो शब्द के साथ मिलाकर लिखे जाते हैं जैसे— प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, यथाशक्ति, यथासाध्य, निमित्तमात्र, एकमात्र
आशा है कि यह जानकारी आपको पसंद आएगी। यदि आपको लगता है कि कोई और नियम इसमें समाहित होना चाहिए तो आप हमें कमेंट्स के माध्यम से बता सकते हैं। आवश्यकतानुसार इस पोस्ट में जानकारी अपडेट कर दी जावेगी।
'कि' और 'की' का नियम
'कि' किसी भी वाक्य में संयोजक के तौर पर कार्य करता है। इसे याद रखने के लिए आप इस प्रकार से समझ सकते हैं कि छोटे इंसान को अस्तित्व बनाने के लिए बड़े की मदद जरूरी होती है, उसी प्रकार से 'कि' हमेशा वाक्य में किसी के साथ जुड़कर अपना अस्तित्व बनाए रखता है।
उदाहरण के तौर पर — राम कहता है कि श्याम उसका भाई है। राधा कहती है कि उसको गाना नहीं आता।
जबकि 'की' जिम्मेदारी, संबंध और स्वामित्व को दर्शाता है। इसे याद रखने के लिए आप यूॅं समझ लीजिए कि बड़े आदमी के पास ज्यादा जिम्मेदारी, मालिकाना हक और अच्छे लोगों से संबंध होते हैं, उसी प्रकार से 'की' मालिकाना हक, संबंध और स्वामित्व को दशाएगा।
उदाहरण के तौर पर — श्याम की किताब में एक भी फोटो नहीं है। पैसे पर गॉंधी जी की तस्वीर छपी है। श्याम अपने पिता को एक निजी चिकित्सक की क्लीनिक पर ले गया।
ध्यान रहे 'करना' एक क्रिया है जो भूतकाल के रूप में 'की' के तौर पर प्रयोग होती है। जैसे — राम ने 08वीं तक पढ़ाई की है। गंधर्व ने रानी की बेइज्जती की है।
कारक और प्रत्यय का प्रयोग
क्रियाओं में 'कर' प्रत्यय जोड़कर लिखा जाता है। जैसे — खाकर, देखकर, उठकर, पीकर, सुनकर, जाकर, आकर, पूछकर, ठिठककर, घबराकर, चिल्लाकर इत्यादि।
वाला यदि प्रत्यय है तो वह जोड़कर लिखा जाए लेकिन यदि वह निर्देशक है तो पृथक से लिखा जाए, जैसे— गॉंववाला, दूधवाला, अखबारवाला, चायवाला, अच्छा वाला कागज, कल वाला पेपर, नीला वाला पेन, काली ड्रेस वाली
संज्ञा के साथ कारक आने पर पृथक से लिखे जाएं जैसे— राम ने, रावण को, श्याम का, सीता की।
कर्ता के बाद दो कारक एक साथ आने पर पहला कारक कर्ता के साथ जोड़कर लिखा जाए एवं दूसरा पृथक रखा जाए, जैसे — अपने लिए, उसको भी, आपके लिए, इसमें से।
समान्नार्थक शब्द हमेशा नाम से पृथक लिखे जाएं, लेकिन यदि कोई वर्ण नाम का हिस्सा है तो उसे साथ ही लिखा जाए, जैसे — श्री सतीश चंद्र, महात्मा जी, श्रीराम शर्मा,
प्रति, यथा और मात्र, यदि उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में होते हैं तो शब्द के साथ मिलाकर लिखे जाते हैं जैसे— प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, यथाशक्ति, यथासाध्य, निमित्तमात्र, एकमात्र
आशा है कि यह जानकारी आपको पसंद आएगी। यदि आपको लगता है कि कोई और नियम इसमें समाहित होना चाहिए तो आप हमें कमेंट्स के माध्यम से बता सकते हैं। आवश्यकतानुसार इस पोस्ट में जानकारी अपडेट कर दी जावेगी।
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