हिन्दी आशुलिपि या हिन्दी स्टेनोग्राफी का कोर्स अगर आप कर लेते हैं तो आप आसानी से जॉब हासिल कर सकते हैं। आइए जानते हैं आशुलिपि के कोर्स के बारे में।
क्या है आशुलिपि ?
आशुलिपि एक ऐसी लेखन पद्धति है जो हिन्दी, अंग्रेजी या अन्य भाषाओं के लेखों को संकेत अक्षरों के द्वारा अल्प समय में पूरा लिखने की योग्यता प्रदान करती है। आशुलिपि में शब्द और वर्ण के लिए कुछ रेखाएं निर्धारित होती हैं जिनके द्वारा आसानी से और अधिक से अधिक गति में भी किसी अनुच्छेद को लिखा जा सकता है।
आशुलिपि में कई प्रणाली होती हैं जिनमें वर्ण के लिए रेखाएं, नियम और संकेत काफी अलग—अलग होते हैं। हिन्दी आशुलिपि में प्रचलित कुछ प्रणाली हैं — मानक, सिंह, विशिष्ट, दत्त, ऋषि एवं जैन प्रणाली।
कैसे करें आशुलिपि ?
आशुलिपि करने के लिए आप या तो किसी प्रशिक्षण संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं जहॉं से आपको आशुलिपि ज्ञान के साथ—साथ आशुलिपि का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो जाता है। दूसरे विकल्प के तौर पर आप किसी कोचिंग को ज्वाइन करके मात्र आशुलिपि का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं और केन्द्रीय सेवाओं में आशुलिपिक भर्ती देख सकते हैं।
कितने समय में कोर्स होगा ?
प्रशिक्षण संस्थान में अगर प्रवेश लिया जाए तो आशुलिपि कोर्स की निश्चित अवधि 01 वर्ष है जिसके पश्चात् परीक्षा देकर आप हिन्दी आशुलिपि का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। परंतु यदि आप केवल अध्ययन या ज्ञान के लिए आशुलिपि करना चाहते हैं तो यह 03 से 06 माह की अवधि में भी पूर्ण किया जा सकता है।
कैसे करें आशुलिपि ?
आशुलिपि करने के लिए सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपको कौन सी भाषा अच्छी तरह से आती है। अगर आप अंग्रेजी माध्यम से पढ़े हैं तो आपको हिन्दी आशुलिपि में कठिनाई होगी, बेहतर यही होगा कि आप अंग्रेजी आशुलिपि को चुनें। इसी प्रकार से हिन्दी भाषी छात्रों के लिए हिन्दी आशुलिपि कोर्स करना बेहतर होगा।
उसके बाद आपको यह देखना चाहिए कि आपके शहर में, नजदीक में कौन से कोचिंग या शिक्षण संस्थान हैं और उनमें कौन सी प्रणाली सिखाई जाती है। वर्तमान समय में प्रत्येक शहर में ऋषि प्रणाली देखने को मिलती है क्योंकि यह काफी पुरानी है और इसके कई प्रशिक्षक मिल जाते हैं।
संक्षेप सार यही है कि आपको अपनी योग्यता और उपलब्धता के आधार पर आशुलिपि का कोर्स करना चाहिए।
0 Response to "स्टेनो के जरिए शीघ्र जॉब पाएं"
Post a Comment