Smile Please.

जैसे खिले हुए फूल अच्छे लगते हैं ठीक वैसे ही इंसान के चेहरे पर मुस्कुराहट शोभित होती है। कुछ कंजूस लोग अपनी मुस्कुराहट छिपाकर रखते हैं और बेवजह ही अपने चेहरे पर अन्य भाव लेकर घूमते रहते हैं। शायद उनको लगता है कि ऐसा करने से उनकी शक्ति बच जाती है। नहीं, जनाब! ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि यह महज आपका भ्रम होता है। आप चाहें तो विज्ञान के तथ्य पढ़कर देख सकते हैं मुस्कुराने में ही सबसे कम शक्ति का ह्रास होता है। जबकि अन्य भाव इसकी अपेक्षा आपकी ज्यादा शक्ति खर्च करवाते हैं।


अपनी मुस्कुराहट छिपाने का दूसरा आधार कुछ लोग यह भी देते हैं कि उनको तमाम प्रकार की परेशानी है इसलिए वह न चाहकर भी उदास रहते हैं। तो श्रीमान् जी, आप अगर निराशा भरा चेहरा लेकर घूमेंगे तो क्या आपकी परेशानी हल हो जाएगी ? अगर परेशानी हल ही नहीं होनी है तो फिर निराशा भरा चेहरा क्यों, ज्यादा शक्ति का खर्चा क्यों ? इस सुन्दर सी दुनिया में एक मुस्कुराता इंसान कम क्यों ?

मैं मानता हूं कि सबसे पास कोई न कोई समस्या है। पर अगर सभी लोग मुस्कुराना छोड़ दें तो दुनिया की रंगत कहां जाएगी, इसकी आप कल्पना स्वयं कर सकते हैं। जरा सोचिए, अगर फूल के पौधे सोचें कि हमें कई दिन से पानी नहीं मिला, हम चलकर पानी स्वयं ला भी नहीं सकते, इसलिए हम आज से मुस्कुराते हुए पुष्प नहीं देंगे, बल्कि मुरझाए पुष्प देंगे.. तो क्या आप उन पौधों को ​बगिया में रखेंगे। पौधे अपनी अंतिम सांस तक मुस्कुराते हैं, भले ही वह एक स्थान पर जड़न्त हैं पर वह अपने इस इरादे पर भी अटल होते हैं कि हम हमेशा खुश रहेंगे और मुस्कुराएंगे चाहे​ जिन्दगी दो दिन की हो या दस दिन की।

आप जरा यह सोचिए कि हम अपने वालपेपर पर किसी रोते हुए इंसान का चेहरा, एक मायूस चेहरा क्यों नहीं लगाते ? एक मुस्कुराता हुआ, एक सुन्दर खिला हुआ फूल ही हमें क्यों पसंद आता है ? अगर आप दूसरों को रोता पसंद नहीं करते हैं तो आप खुद क्यों रोनी सी, उदास सी शक्ल अख्तियार करके घूमते हैं ? जरा सोचिए और स्वयं को दर्पण में देखिए कि आप वास्तव में वैसे हैं, जैसा आप दुनिया को देखना चाहते हैं ?

जब रोने से मुश्किल कम नहीं होनी, तो रोना ही क्यों ? लेकिन अगर आप मुस्कुराते हैं तो एक संदेश जरूर जाएगा कि Mr. Smile हमेशा ही मुस्कुराते हैं, परिस्थिति कैसी भी हो, हमेशा हंसकर उसका सामना करते हैं। यकीन मानिए जितनी शक्ति आपकी रोनी शक्ल में लगती है, उसकी आधी शक्ति भी मुस्कुराहट में खर्च नहीं होती। जब 10 रूपये में रोशनी मिल रही है तो बीस रूपये में अंधेरा क्यों ??


इसलिए आज से ही अपनी जीवनशैली बदलिये, और मुस्कुराना शुरू कीजिए। हालांकि शुरूआत में आपको अजीब सा लगेगा परंतु आपको धीरे—धीरे इसकी आदत बन जाएगी। और जब आप Mr. Smile बनेंगे तो न केवल आपको खुशी मिलेगी बल्कि आप कई लोगों के IDLE होने के साथ—साथ एक बेहतर इंसान भी बन जाएंगे।
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